भारी जल के नामकरण का आधार यह है कि प्रोटियम के स्थान पर ड्यूटीरियम का उपयोग किया जाता है, जो हाइड्रोजन का अपेक्षाकृति भारी समस्थानिक है।
जब जल के अणु में हाइड्रोजन के स्थान पर ड्यूटीरियम रहता है तो इस जल को भारी जल कहते हैं। भारी जल का रासायनिक सूत्र D2O है। इसका आण्विक भार 20 होता है।
उड़ीसा के तलचर में भारी जल उद्योग संयंत्र है।
भारी जल की खोज यूरे (Urey) ने 1932 में किया था।
साधारण जल में प्राकृतिक रूप से 140-150 ppm भारी जल पाया जाता है।
भारी जल का उपयोग नाभिकीय रिएक्टरो में मंदक के रूप करते है।