अवध (Avadh) राज्य को लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie) ने ब्रिटिश भारत राज्य में विलय किया। अवध राज्य को 1856 में कुशासन के आधार पर विलय किया गया। इसे दुधारू गाय की संज्ञा दी थी। 1857 के विद्रोह के समय अवध (लखनऊ) में विद्रोह का नेतृत्व (महक परी) बेगम हजरत महल ने किया ।
अवध राज्य को 1848 में अवध का रेजीडेन्ट कर्नल स्लीमैन को बनाया गया, जिसने कुशासन का आरोप लगाया था। 1854 में आउट्रम को स्लीमैन के स्थान पर भेजा गया। इन रिपोर्ट के आधार पर 1856 में नवाब वाजिद अली शाह को अवध के गद्दी से पदच्यूत कर दिया गया।