उत्तर-हैदराबाद का निजाम आजाद स्थिति को बनाए रखना चाहता था। इस सम्बन्ध में उसने भारत सरकार से एक वर्ष के लिए समझौता भी किया था। किन्तु निम्नलिखित कारणों से हैदराबाद का भारत में विलय किया गया-
(i) तेलंगाना क्षेत्र के किसान निजाम के दमनकारी शासन से दुःखी थे।
(ii) महिलाएँ निजामों के जुल्म का शिकार हुई थी।
(iii) कम्युनिष्ट व हैदराबाद कांग्रेस भी निजाम के शासन के विरुद्ध थे।
(iv) निजाम ने आन्दोलनकारियों के विरुद्ध अर्द्ध सैनिक बल (साम्प्रदायिक व क्रूर रजाकार) का प्रयोग किया। अत: निजाम पर नियम्त्रण हेतु भारतीय सेना को जाना पड़ा। निजाम के आत्मसमर्पण के बाद हैदराबाद का भारत में विलय हो गया।