संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों पर व्यय, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों पर व्यय तथा भारत सरकार के ऋण प्रभार सभी संचित निधि (Consolidated Funds) पर भारित व्यय हैं।
अनुच्छेद 266 के अन्तर्गत संचित निधि का गठन किया जाता है।
भारत में आकस्मिक निधि (Contingency Fund) का गठन अनुच्छेद 267 के अधीन होता है।
लोकतांत्रिक प्रणाली में बिना संसद (Parliament) की अनुमति के एक रूपया खर्च नहीं किया जा सकता है।