लम्बी दूरी के बेतार संचार के लिए अपेक्षित तरंगें रेडियो तरंगें (Radio Waves) हैं।
रेडियो तरंग के बारे में जानकारी —
- खोज → मार्कोनी (1900)
- तरंगदैर्ध्य → 1 × 10-1 से 104 मीटर
- उपयोग → रेडियो संचार में
- स्रोत → विधुत चुंबकीय दोलन से उत्पन्न
- पृथ्वी सतह से 80 km ऊपर स्थित आयन मंडल रेडियो तरंग का पूर्ण आंतरिक परावर्तन करा देता है।
अवरक्त किरण के बारे में जानकारी —
- खोज → विलियम हर्शल (1800 ई०)
- तरंगदैर्ध्य → 7.8x10-7 से 1x10-3 मीटर
- कुहरे या धुंध में फोटोग्राफी में, रोगियों के सेकाई में टी.वी. रिमोट कंट्रोल में।
पराबैंगनी किरण के बारे में जानकारी —
- खोज → कार्ल रिटर (1800 में)
- उपयोग→ कीटाणुओं को नष्ट करने में, पुराने दस्तावेजों के जाँच में।
सूक्ष्म तरंग के बारे में जानकारी —
- खोज → हर्टज (1888 ई.)
- उपयोग → संचार में एवं माइक्रो ओवन में।