यंग का प्रयोग क्या प्रमाणित करता है? Yung Ka Prayog Kya Pramanit Karta Hai?
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यंग का प्रयोग क्या प्रमाणित करता है? Yung Ka Prayog Kya Pramanit Karta Hai?

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यंग का प्रयोग प्रदर्शित करता है कि प्रकाश तंरगों से मिलकर बना है

यंग प्रयोग द्वारा व्यतिकरण का प्रायोगिक प्रदर्शन किया जाता है। व्यतिकरण प्रकाश की तरंग प्रकृति पर आधारित है। 

यंग प्रयोग दर्शाता है कि प्रकाश तरंगों से मिलकर बना है तथा व्यतिकरण उत्पन्न करने के लिए कम से कम दो तरंगों का होना आवश्यक है। 

  • न्यूटन ने कणिका सिद्धांत दिया था जिसके अनुसार यह माना गया था कि प्रदीप्त वस्तु से प्रकाश अत्यन्त सूक्ष्म तथा तीव्रगामी कणिकाओं के रूप में निकलता है।
  • मैक्सवेल ने प्रकाश का विद्युतचुम्बकीय तरंग सिद्धांत दिया था।
  • व्यतिकरण : जब दो तरंगें जिनकी आवृत्ति तरंगदैर्ध्य और आयाम समान हो एक ही माध्यम में गति करते हैं और एक-दूसरे पर अध्यारोपित होती है तो परिणामी तीव्रता का मान अधिकतम या न्यूनतम अर्थात शून्य होता है तो इस घटना को तरंग का व्यतिकरण कहते हैं।
  • दो क्रमागत दीप्त व अदप्ति फ्रिन्जों के मध्य की दूरी को फ्रिज की चौड़ाई कहते हैं।

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