पर्यावरणीय घटनाओं (Environmental Events) के प्रति बालक सर्वप्रथम अपनी ज्ञानेन्द्रियों (Sense Organ) के प्रयोग के माध्यम से एक विचार का निर्माण करता है। यदि इसके बाद भी कोई निश्चित तथ्य की प्राप्ति नहीं होती तो वह तर्क अथवा चिन्तन का सहारा लेता है।
जैसे : जो बस्तियाँ गन्दगीयुक्त होती हैं, उनके बारे में बालक सूँघकर बता देता है, कि यहाँ का वातावरण दुर्गन्धयुक्त (Smelling) है। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तुओं को बालक स्पर्श करके बता देता है।
विभिन्न प्रकार के जानवरों की आवाज सुनकर बालक उनके नाम बता देता है। इस प्रकार बालक पर्यावरणीय घटनाओं के सन्दर्भ में अपनी ज्ञानेन्द्रियों का प्रयोग करके विभिन्न विचारों तक पहुँचता है।