भारी मात्रा में वनों की कटाई अथवा वनोन्मूलन (Deforestation) ने जंगली जानवरों की काफी हद तक प्रभावित किया है जिससे उसकी संख्या में काफी कमी आ गई है और कुछ तो विलुप्त ही हो गये हैं।
वनों का अविवेकपूर्ण कटाई से जैव विविधता को भारी क्षति पहुँचती है।
- आखेट, खनन, पर्यटन आदि के कारण भी जैव-विविधता में कमी आयी है।
- पर्यावरणीय दृष्टि से कुल भूमि का 33% वन होना चाहिए।
- भारतीय संसद ने जैव-विविधिता अधिनियम 2002 में लाया।
- भारत सरकार ने 2003 में राष्ट्रीय जैव विविधिता प्राधिकरण की स्थापना की है।