शाह आलम द्वितीय (Shah Alam Second) मुगल बादशाह को वजीर गाजीउद्दीन ने दिल्ली में दाखिल नहीं होने दिया था ।
शाह आलम द्वितीय का कार्यकाल 1759 से 1806 ई. तक था। उसका वास्तविक नाम अली गौहर था। अपने पिता आलमगीर द्वितीय की मृत्यु के समय वह बिहार में था।
यद्यपि उसे मुगल बादशाह घोषित कर दिया गया, किंतु मुगल दरबार की गुटबाजी के चलते वह बिहार में रहा और दिल्ली का सिंहासन 1760 ई. से 1771 ई. तक खाली पड़ा रहा।
1772 ई. में मराठों की सहायता से ही वह दिल्ली पहुंच सका। शाह आलम द्वितीय के समय में ही दिल्ली पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया ।