वर्ष 1991 की उद्योग नीति में, 1985 की नीति में तय लघु इकाइयों की निवेश सीमा को 35 लाख रु. से बढ़ाकर 60 लाख रु. तथा सहायक उद्योग में निवेश की सीमा को 45 लाख रु. से बढ़ाकर 75 लाख रु. कर दिया गया था। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) विकास अधिनियम, 2006 (प्रभावी तिथि अक्टूबर, 2006) के तहत सूक्ष्म (Micro), लघु (Small) एवं मध्यम (Medium) उद्यमों के लिए निवेश सीमा दो वर्गों- (A) विनिर्माण उद्यम तथा (B) सेवा उद्यम में बांटकर निर्धारित किया गया है।
माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के अनुसार, 5 करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये से कम एक निर्माणी क्षेत्र के मध्यम उद्योगों हेतु निर्धारित निवेश की सीमा है ।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक, 2018 , में विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र के उद्यमों को इस प्रकार परिभाषित किया गया है- सूक्ष्म उद्यम 5 करोड़ रुपये, लघु उद्यम 5 से 75 करोड़ रुपये और मध्यम उद्यम 75 से 250 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार |
अतः सभी विकल्पों में से विकल्प (c) सही होगा