रामसर सम्मेलन का विषय आर्द्रभूमियों का संरक्षण (Conservation of Wetlands) है।
- आर्द्रभूमियों के संरक्षण हेतु पहली बार ईरान के "रामसर" में 2 फरवरी 1971 को सम्मेलन का आयोजन किया गया।
- रामसर सम्मेलन को भारत में 1 फरवरी, 1982 में लागू किया गया।
- भारत का पहला आर्द्र भूमि स्थल चिल्का झील (ओडिशा) और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) है। इसे वर्ष 1981 में शामिल किया गया था।
वर्ष 2021 में भारत के 5 स्थलों को शामिल किया गया है—
(i) सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (हरियाणा)
(ii) भिंडावास वन्यजीव अभ्यारण्य (हरियाणा)
(iii) थोल झील वन्यजीव अभ्यारण्य (गुजरात)
(iv) वाघवाना आर्द्रभूमि (गुजरात)
(v) हैदरपुर (उत्तर प्रदेश )
- 2 फरवरी, 2022 को, गुजरात में खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य और उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य के नाम से दो नवीनतम रामसर स्थलों को सूची में जोड़ा गया है।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस "2 फरवरी " को मनाया जाता है।
- रामसर स्थलों की सर्वाधिक संख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहाँ रामसर साइट की संख्या 9 है।
- रामसर स्थलों की सर्वाधिक संख्या ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) में है। (रामसर साइट की संख्या - 175 )
- विश्व का प्रथम आर्द्रभूमि स्थल ऑस्ट्रेलिया का कोबोर्ग प्रायद्वीप (1974) है।
- भारत का सबसे बड़ा आर्द्रभूमि स्थल “पश्चिम बंगाल का सुंदरवन" है।
- भारत का सबसे छोटा आर्द्रभूमि स्थल हिमाचल प्रदेश का "रेणुका झील" है।
- भारत में अब तक रामसर साइट की संख्या 49 है।