नाभिकीय रिएक्टर (Nibhikiya Reactor) : वह संयंत्र जिसमें नाभिकीय ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करके विद्युत ऊर्जा प्राप्त की जाती है, परमाणु रिएक्टर या नाभिकीय रिएक्टर कहलाता है।

परमाणु रिएक्टर के प्रमुख भाग निम्नलिखित हैं—
1. कोर (Core) : यह यूरेनियम की छड़ों का बना होता है जिस पर ऐल्युमिनियम धातु की एक परत चढ़ा दी जाती है। इसी कोर में ही विखंडन, शृंखला अभिक्रिया होती है जिसके फलस्वरूप परमाणु ऊर्जा ऊष्मा के रूप में मुक्त होती है।
2. मंदक या विमंदक (Moderator) : रिएक्टर में ऐसा प्रबंध रहता है कि अवांछित न्यूट्रॉन - अवशोषित हो जाए ताकि नाभिकीय अभिक्रिया अनियंत्रित न हो पाए इसके लिए रिएक्टर के ईंधन में कैडमियम या बोरॉन की छड़ें घुसेड़ दी जाती है जो अवांछित न्यूट्रॉनों का अवशोषित कर उन्हें प्रभावहीन कर देती है। इन छड़ों को मंदक कहते हैं।
3. शीतलक (Coolant) : नियंत्रित नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया के फलस्वरूप जो ऊष्मा उत्पन्न होती है उसे एक द्रव में अवशोषित कर रिएक्टर से हटा लिया जाता है। इस द्रव को शीतक कहते हैं।
4. परिरक्षण (Shielding) : यह रिएक्टर का एक प्रमुख भाग है, हालाँकि रिएक्टर के कार्य में यह कोई विशेष भूमिका नहीं निभाता। इसका कार्य ऊष्मा $γ$-किरणों और न्यूट्रॉनों को रिएक्टर से बाहर जाने से रोकना है, ताकि रिएक्टर के निकट काम करनेवाले लोगों को ये कोई नुकसान न पहुँचा सके।
यह लगभग 8 फीट मोटे एक विशेष प्रकार के कंक्रीट (concrete) का बना होता है और यह रिएक्टर को ढँके रहता है।