उत्तरः लेखक के अनुसार नाखून जहाँ हमारी पशुता की निशानी है।
वहीं इसका काटना मनुष्यता की निशानी है। ये नाखून मनुष्य के भयंकर पाशवी प्रवृत्ति के जीवंत प्रतीक हैं।
मनुष्य ने अस्त्र-शस्त्र के रूप में बन्दूक, कारतूस, तोप, बम आदि का निर्माण कर अपनी पशुता को आगे बढ़ाने का काम किया है।
अतः स्पष्ट है कि मनुष्य पशुता की ओर बढ़ रहा है।