उत्तर- राजतन्त्र और गणतन्त्र शासन की दो भिन्न प्रणालियाँ हैं। राजतन्त्र में राष्ट्र का प्रमुख किसी राजवंश का सदस्य होने के कारण सत्ता प्राप्त करता है। उसका पद पैत्रिक होता है। गणतन्त्र में राष्ट्र के प्रमुख जनता को वोटों के आधार पर चुना जाता है तथा निश्चित समय के बाद उसे पुन: जनता का समर्थन प्राप्त करके ही पद प्राप्त हो सकता है।