भवनों आदि को तड़ित के झटके से बचाने के लिए एक तार को भवन की चोटी से लाकर नीचे जमीन में स्थापित कर दिया जाता है।
चूँकि यह तार भूमि से संपर्कित होता है अतः इसे भू-संपर्क तार कहा जाता है।
आकाशीय बिजली गिरने पर यह तार विद्युत तरंगों को कैप्चर कर सीधा भूमि में भेज देता जिससे जान माल की सुरक्षा होती है।