भू-चुम्बकत्व (Terrestrial Magnetism) : किसी स्थान पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को तीन तत्त्वों द्वारा व्यक्त किया जाता है— दिकपात् कोण (angle of declination), नमन कोण (angle of dip) तथा चुम्बकीय क्षेत्र की क्षैतिज घटक (horizontal component of earth's magentic field ) —
- दिकूपात कोण : किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिकपात कोण कहते हैं।
- नमन कोण : किसी स्थान पर पृथ्वी का सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज तल के साथ जितना कोण बनता है, उसे उस स्थान का नमन कोण कहते हैं । पृथ्वी के ध्रुव पर नमन कोण का मान 90° तथा विषुवत् रेखा पर 0° होता है।
- चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक पृथ्वी के सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक (H) अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है । परन्तु इसका मान लगभग 0.4 गॉस या 0.4 x 10-⁴ टेसला होता है।
नोट : पृथ्वी एक बहुत बड़ा चुम्बक है, इसका चुम्बकीय क्षेत्र दक्षिण से उत्तर दिशा में विस्तृत होता है।