भारतीय वैज्ञानिकों (Indian Scientists) द्वारा पूर्ण रूप से तैयार मंगल मिशन जिसे मंगलयान (Mangalyan) नाम दिया गया है, 24 सितम्बर, 2014 को सुबह 8 बजे मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। इसके साथ ही अपने पहले प्रयास में ही मंगल पर पहुँचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है।
इस प्रकार भारत इसरो (ISRO) द्वारा मंगलयान नामक अपनी अंतरिक्ष परियोजना के अंतर्गत 5 नवम्बर, 2013 को मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु एक उपग्रह आन्ध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (Satish Dhawan Space Centre) से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle) पीएसएलवी सी-25 के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया था।
अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ के बाद भारत मंगल की कक्षा में प्रवेश करने वाला देश बन गया। भारत एशिया का पहला देश है, जो मंगल की कक्षा में दाखिल हुआ।
नासा, ईएसए और रॉस कोसमॉस के बाद इसरो मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने वाली चौथी स्पेश एजेंसी है। मंगल मिशन की कुल लागत 450 करोड़ रुपए है।
मंगलयान मंगल ग्रह से निकटतम स्थिति में आने पर मात्र 365 किमी दूर रहेगा, जबकि सबसे दूर होने पर 8000 किमी दूर रहेगा।मंगलयान में लगे उपकरणों का उपयोग भविष्य में मौसम, जमीन, खेती और संचार उपग्रहों में किया जा सकेगा।