सल्फर के ऑक्साइड
सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) वायु प्रदूषण का द्वितीय सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रदूषक है। वायुमंडल में समस्त वायु प्रदूषकों के सकल भार का लगभग 20% भाग SO₂ का होता है। SO₂ से आँखों में जलन होती है, जिससे आँखें लाल हो जाती हैं तथा आँसू आने लगते हैं।SO₂ की सूक्ष्म सान्द्रता मनुष्य में विभिन्न श्वसन रोगों ( जैसे-अस्थमा, श्वसनी शोध ऐम्फाइसीमा आदि) का कारण होती है।
SO₂ की उच्च सान्द्रता फूलों की कलियों में कड़ापन उत्पन्न करती है, जिससे ये पौधे से शीघ्र गिर जाती है।SO₂ के कारण औद्योगिक क्षेत्रों में विषाक्त धूम्र कोहरे (Smogs) का निर्माण होता है। वायुमंडल में उत्सर्जित SO₂ गैस वातावरण की नमी को अवशोषित करके सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) बनाती है। यही सल्फ्यूरिक अम्ल वर्षा के साथ धरातल पर गिरता है तो उसे अम्ल वर्षा कहते हैं।
नोट: यदि SO₂ लगातार पत्थर पर प्रवाहित की जाय तो वह क्षत-विक्षत हो जाता है, इसीलिए इसे क्रैकिंग गैस कहते हैं। मथुरा तेल शोधक कारखाने से निकलने वाली SO₂ ही आगरा के ताजमहल की तबाही का कारण बनी हुई थी।