हैलोजन (Halogens) : वर्ग VIIA के तत्वों को हैलोजन कहा जाता है। हैलोजन में सर्वाधिक अभिक्रियाशील फ्लोरीन है।
फ्लोरीन का उपयोग :
- इसका उपयोग UF6तथा SF6 बनाने में होता है, जिनको क्रमशः परमाणु ऊर्जा उत्पादन तथा परावैद्युतिकी (Dielectric) में इस्तेमाल किया जाता है।
- HF के उपयोग द्वारा क्लोरोफ्लोरो कार्बन यौगिक एवं पॉलिटेट्राफ्लुओरो एथिलीन (टेफ्लॉन) संश्लेषित किए जाते हैं। क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिकों को फ्रियॉन कहते हैं। इसका उपयोग प्रशीतक (Refrigerent ) के रूप में तथा ऐरोसॉल (Aerosol) में किया जाता है।
नॉन स्टिक बर्तन का ऊपरी परत टेफ्लॉन का बना होता है। क्लोरीन का उपयोग अनेक कार्बनिक यौगिकों (जैसे–पॉलिवाइनिल क्लोराइड, क्लोरीनकृत हाइड्रोकार्बन) औषधियाँ, शाकनाशी तथा कीटनाशी के संश्लेषण में किया जाता है। पीने के पानी को शुद्ध करने में इसका उपयोग होता है।तरल अवस्था में पाया जाने वाला अधातु ब्रोमीन है।
इसका उपयोग एथिलीन ब्रोमाइड के संश्लेषण में होता है, जिसको सीसाकृत पेट्रोल (leaded petrol) में मिलाया जाता है। इसके अतिरिक्त सिल्वर ब्रोमाइड(AgBr) बनाने में ब्रोमीन इस्तेमाल करते हैं, जिसकी आवश्यकता फोटोग्राफी में होती है।
समुद्री खरपतवार आयोडीन का महत्वपूर्ण स्रोत है। आयोडीन सामान्य ताप पर ठोस अवस्था में पाया जाता है। आयोडीनीकृत नमक साधारणतया पोटैशियम आयोडाइड के रूप में दिया जाता है। आयोडीन में धात्विक चमक होती है।