द्विक लवण (Dvik Lavan) : दो सरल यौगिकों के संयोग से बने वे यौगिक जो क्रिस्टल के रूप में ही अपना अस्तित्व कायम रखते हैं, किंतु जलीय विलयन में अपना अस्तित्व खोकर अपने अवयवी यौगिकों जाते हैं, द्विक लवण कहलाते हैं।
इन लवणों के भौतिक एवं रासायनिक गुण इनके अवयवी यौगिकों के सदृश होते हैं। विलयन में ये अवयवी यौगिक भी आयनित हो जाते हैं तथा प्रयोग द्वारा इन समस्त आयनों की जाँच की जा सकती है।
उदाहरण के लिए, कार्नालाइट [KCI • MgCl2 · 6H2O], मोर लवण [FeSO4 · (NH4)2SO4 · 6H2O], पोटाश एलम [K2SO4. Al2 (SO4)3. 24H2O] तथा क्रोम एलम [K2SO4 Cr2 (SO4)3 24H2O] आदि द्विक लवण हैं।