संचित निधि के अतिरिक्त सरकारी खाते में कुछ ऐसी भी मदें आती हैं। जिसमें सरकार को आरबीआई (RBI) के समान एक बैंकर की भूमिका निभानी पड़ती है। वह मुद्राएं मुख्य रूप से हैं-
1. भविष्य निधि के खाते
2. लघु बचत की जमा इत्यादि
इन मदों से प्राप्त धन को सार्वजनिक खाते या लोग खाते में दिखाया जाता है। ऐसे धन कभी भी सरकारी धन नहीं होता है क्योंकि ऐसे धन को सरकार को एक समय सीमा के बाद लौटाना पड़ता है। इस भुगतान के लिए संसद की अनुमति आवश्यक नहीं होती है।