बारानी या वर्षा आधारित कृषि (Rainfed agriculture farming) उस कृषि को कहते हैं, जिसमें सिंचाई का सहारा नहीं लिया जाता है और केवल वर्षा के सहारे खेती की जाती है।
बारानी या वर्षा आधारित कृषि के दो प्रकार होत हैं, जो इस प्रकार है—
- शुष्क भूमि कृषि और
- आर्द्र भूमि कृषि।
भारत में 75 सेमी० से कम वर्षा वाले शुष्क क्षेत्र में रागी, बाजरा, मूँग, चना, ज्वार इत्यादि शुष्कता को सहने में सक्षम फसलें उगाई जाती हैं।
इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग की अनेक विधियाँ अपनाई जाती है।
आर्द्र कृषि के अंतर्गत वर्षा ऋतु में चावल, जूट, गन्ना इत्यादि खेती वर्षा पर आधारित होती है।