नीति आयोग (Niti Aayog) - 1 जनवरी, 2015 को एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया गया है।
यहाँ नीति का मतलब अंग्रेजी के पॉलिसी (Policy) शब्द से नहीं है। बल्कि यह राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान अर्थात् National Institutional for Transforming India का संक्षिप्तिकरण है।
नीति आयोग प्रधानमंत्री (Prime Minister) की अध्यक्षता में एक थिंक टैंक की भाँति कार्य करेगा। इस आयोग में महात्मा गाँधी, भीमराव अंबेडकर, दीन दयाल उपाध्याय और स्वामी विवेकानंद के उद्बोधनों का जिक्र किया गया है।
इसमें मुख्य फोकस इस बात पर है, कि किस तरह विकास की प्रक्रिया में नीति आयोग एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
विकास के गुजरात मॉडल का समर्थन करने वाले बाजार अर्थव्यवस्था विशेषज्ञ डॉ. अरविन्द पनगढ़िया को इस नवगठित आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होंगे।
इसकी शासकीय परिषद् में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होंगे। संस्था में एक उपाध्यक्ष और सीइओ (CEO) होगा, जिसकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करेंगे।
इसमें कुछ स्थायी सदस्य होंगे जबकि दो अस्थायी सदस्य होंगे, जिन्हें संस्थानों से रोटेशन के आधार पर लिया जाएगा। इसमें चार केंद्रीय मंत्री पदेन सदस्य होंगे। अलग-अलग विषयों में माहिर लोग इस संस्था के आमंत्रित सदस्य बनाए जाएंगे।
नीति आयोग अंतरमंत्रालय और केन्द्र राज्य सहयोग से नीतियों के धीमे क्रियान्वयन को खत्म करेगा।
यह राष्ट्रीय विकास को प्राथमिकताओं की साझा सोच बनाएगा और यह मानकर चलेगा कि मजबूत राज्यों से मजबूत देश बनेगा। यह आयोग ग्रामीण स्तर पर विश्वसनीय योजना बनाकर उन्हें सरकार में ऊँचे स्तर तक पहुँचाने का कार्य करेगा।
यह आयोग समाज के उन वर्गों पर खासतौर से ध्यान देगा जिनके बारे में यह आशंका है, कि आर्थिक तरक्की का उन्हें भरपूर लाभ नहीं मिल रहा है।
यह संस्थान लगातार बदल रहे एकीकृत विश्व के अनुरूप कार्य करने में सक्षम होगा, भारत जिसका एक भाग है, यह देगा।
इसमें आर्थिक मोर्चे पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयात के मामले, देश के भीतर और अन्य देशों में उपलब्ध सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के प्रसार नए नीतिगत विचारों को अपनाने और विषय आधारित विशिष्ट सहायता शामिल है।
त्वरित गति से कार्य करने के लिए और सरकार को नीति दृष्टिकोण उपलब्ध कराने के साथ-साथ प्रासंगिक विषयों के संदर्भ में संस्थान के पास आवश्यक संसाधन ज्ञान, कौशल और क्षमता होगी।