8 अप्रैल, 1929 को केन्द्रीय विधानसभा में बटुकेश्वर दत्त (Batukeshwar Dutt) और भगत सिंह (Bhagat Singh) ने बम फेंका था। उस समय केन्द्रीय विधानसभा में सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक और व्यापार विवाद विधेयक पर तीखी वाद-विवाद चल रही थी। यह मानव हानि रहित बम था। भगत सिंह ने कहा कि बहरा को सुनाने के लिए कभी-कभी बम के धमाके की आवश्यकता होती है। उसके बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अपनी गिरफ्तारी दी।
Note : भगत सिंह (Bhagat Singh) , राजगुरू (Rajguru) और सुखदेव (Sukhdev) को साण्डर्स की हत्या के आरोप में फाँसी दिया गया।