वर्ष 1906 के बाद भारतीय राजनीति में कांग्रेस के भीतर गरम दल का प्रभाव बढ़ा।
गरम दल का नेतृत्व प्रमुख कांग्रेसी नेताओं-
- बाल गंगाधर तिलक,
- लाला लाजपत राय,
- बिपिन चन्द्र पाल तथा
- अरबिन्द घोष ने
मिलकर किया। इन नेताओं ने स्वराज्य को अपना लक्ष्य बनाया।
तिलक ने नारा दिया- स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा।