दिसंबर, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) के दौरान उत्तरी बिहार के सारण जिले में बिहोर नामक स्थान पर चौकीदारी टैक्स के विरोध में प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारियों ने बंदूक से 27 बार छर्रे दागे जाने की परवाह नहीं की।
अगले महीने बेगूसराय (मुंगेर जिला) में स्वतंत्रता दिवस के लिए एकत्रित भीड़ में भारी संख्या में ग्रामवासी आकर सम्मिलित हो गए और उपमंडल अधिकारी को एक गड्ढे में खदेड़ दिया। 146 बार गोलीबारी किए जाने के बाद ही वे विसर्जित हुए।