आर्थोपोडा (Arthropoda) जंतु जगत का सबसे बड़ा समूह है, जिसमें कीड़े-मकोड़े शामिल है।
आर्थोपोडा संघ के सदस्य सभी प्रकार के आवासों जैसे — जल, स्थल, भूमि के अंदर तथा वायु आदि में पाये जाते हैं। इनका बाह्य कंकाल काइटिन नामक कार्बोहाइड्रेट का बना होता है।
पृथ्वी पर आथ्रॉपोडा की लगभग दो तिहाई जातियाँ हैं, इसमें कीट भी सम्मिलित हैं। इनके शरीर में सिर, वक्ष और एक खोल जैसी रचना मिलती है। तिलचट्टा, मच्छर, मक्खी, झींगा, केकड़ा आदि इस संघ के प्रमुख जन्तु हैं।
इनका परिसंचरण तंत्र खुला तथा रक्तविहिन होता है। जिसे हिमोलिम्फ कहते हैं।
इनमें तंत्रिका तंत्र एनेलिडा के समान गुच्छिकाओं का बना होता है। इसमें संधि युक्त पाद (Jointed Legs) पाये जाते हैं।
- तिलचट्टा के हृदय में 13 कोष्ठक होते हैं। तथा इसमें खुला परिसंचरण तंत्र भी पाया जाता है।
- केंचुआ, लीच, जोंक आदि ऐनेलिडा संघ के जंतु है।