शिवाजी ने मुगलों को अपना तीन-चौथाई राज्य पुरन्दर की संधि (Treaty of Purandar) के द्वारा दिया था।
पुरन्दर की संधि द्वारा जय सिंह के द्वारा सुरक्षा का वचन देने पर पिता-पुत्र आगरा दरबार जाने के लिए तैयार हुए थे।
आगरा दरबार में अपमानित होने पर विरोध करने के कारण शिवाजी और शम्भाजी को बन्दी बनाकर आगरा के जयपुर भवन में रखा गया था।
शिवाजी ने जून 1665 ई० में मुगल सेनापति जयसिंह के साथ पुरन्दर की संधि की थी।
इस संधि के अनुसार शिवाजी को चार लाख हूण वार्षिक आमदनी वाले 23 किले मुगलों को सौंपने पड़े और उन्हें (शिवाजी को) अपने लिए सामान्य आय वाले केवल 12 किले रखे।