भारतीय संविधान के भाग 4 A और अनुच्छेद 51-A में मौलिक कर्तव्य का जिक्र किया गया है।
भारतीय संविधान में कुल 11 मौलिक कर्तव्य है। वह इस प्रकार है-
- भारत के हर नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थानों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करें।
- स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोए रखे और उनका पालन करें।
- भारत के प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
- देश की रक्षा करे और आहान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे।
- भारत के सभी लोगों में समरसता और सम्मान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रधाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरोध हैं।
- हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे।
- प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवधरण करे तथा प्राणी मात्र के प्रति डायभाव रखें।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।
- सार्वजनिक संपति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की और बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई उचाइयों को छु ले।
- जो माता-पिता अथवा संरक्षक हो वह, 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के यथास्थिति, अपने बच्चे अथवा प्रतिपाल्य को शिक्षा करने के अवसर प्रदान करे।