काली मिट्टी (Black Soil) को नमी धारण करने की क्षमता के लिए जाना जाता है।
काली मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी विस्फोट से हुआ है। इस मिट्टी में लोहा, मैग्नीशियम, चूना तथा एल्युमीनियम पाया जाता है। यह मिट्टी 'कपास' की कृषि के लिए उपयोगी होती है इसलिए इसे काली कपास मिट्टी भी कहते है।
- शुष्क मृदा 50 सेमी. से कम वार्षिक वर्षा वाले इलाकों में मिलती है। शुष्क मृदा में रेत की मात्रा अधिक तथा ह्यूमस की मात्रा कम पाई जाती है।
- लैटेराइट मृदा में नाइट्रोजन, चूना, फॉस्फोरस तथा मैग्नीशीयम की कमी होती है। लैटेराइट मृदा कंकरीली एवं छिद्रयुक्त होती है तथा कृषि के लिए अधिक उपयोगी नहीं होती है।
- जलोढ़ मृदा को "काप मिट्टी" भी कहते हैं। यह मृदा नदी घाटियों, बाढ़ के मैदानों, डेल्टाई क्षेत्रों में पाई जाती है। इस मृदा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा वनस्पति अंश की कमी पाई जाती है।