इंन्द्रधनुष एक प्राकृतिक परिघटना है, जो प्रकाश के वर्ण विक्षेपण (Dispersion of Light) को दर्शाती है।
वायुमण्डल में स्थित जल की बुँदों द्वारा अपवर्त्तन प्रकाश का वर्ण विक्षेपण एवं पूर्ण आंतरिक परावर्त्तन के कारण इन्द्रधनुष बनता है।
इन्द्रधनुष देखने के लिए प्रेक्षक का पीठ सूर्य की ओर होना चाहिए।
प्राथमिक इन्द्रधनुष की विशेषता निम्न है—
(i) दो अपवर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन एवं एक विक्षेपण
(ii) सबसे भीतरी चाप बैंगनी एवं बाहरी लाल होती है।
(iii) प्रक्षेक की आँख पर आन्तरिक कोण 42°
(iv) अपेक्षाकृत अधिक चमकदार
द्वितीयक इन्द्रधनुष की विशेषता निम्न है—
(i) दो परावर्तन, दो पूर्ण आंतरिक परावर्तन एवं एक विक्षेपण
(ii) सबसे भीतरी चाप लाल एवं बाहरी बैंगनी होती है।
(iii) प्रेक्षक की आँख पर अन्तरित कोण 52.5° है।
(iv) अपेक्षाकृत कम चमकदार