लवण (Salt) : अम्ल (Acid) एवं क्षार (Alkali) आपस में अभिक्रिया करके एक दूसरे के गुणों को नष्ट कर देते हैं। जिसके फलस्वरूप एक नए पदार्थ का निर्माण होता है, जिसे लवण (Lavan) कहते हैं।
Note : अम्ल (Acid) + क्षार (Alkali) → लवण (Salt)
दूसरे शब्दो में, अम्लों और क्षारकों के बीच उदासीनीकरण अभिक्रिया के फलस्वरुप प्राप्त यौगिक लवण (Salt) कहलाते हैं।
उदाहरण —
- HCl + NaOH → NaCl + H2O
- HNO3 + NH4OH → NH4NO3 + H2O
लवण एक सामान्य पद (Common Term) है, जिससे यौगिकों (Compound) के एक परिवार (या समूह) का बोध होता है।
आर्हेनियस सिद्धांत के अनुसार — लवण आयनिक यौगिक (Ionic Compound) होते हैं, जो जलीय विलियन में अपघटित होकर धनायन (Cation) एवं ऋणायन (Anion) मुक्त करते हैं।
जैसे – सोडियम क्लोराइड लवण से प्राप्त धनायन Na+ एवं ऋणायन Cl– होता है, जबकि पोटेशियम नाइट्रेट से प्राप्त धनायन K+ एवं ऋणायन NO3– होता है।