प्रेरणिक प्रभाव— ऐनिलीन (Aniline) में ऐमीनों समूह से ऋण विद्युती फेनिल समूह जुड़ा रहता है। जिससे — $I$ प्रभाव के कारण नाइट्रोजन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है जिससे इसका क्षारकीय गुण कम हो जाता है। इसके विपरीत एथिल ऐमीन में एथिल समूह के +$I$ प्रभाव के कारण इसका क्षारकीय गुण बढ़ जाता है।
ऐनिलीन में —$NH$2, समूह का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म फेनिल समूह के साथ अनुनाद में भाग लेता है जिसके कारण नाइट्रोजन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है तथा इसका क्षारकीय गुण भी हो जाता है। इसके विपरीत ऐमीन (Amine) में अनुनाद नहीं होता है।