ग्रामीण-नगरीय प्रवास (Rural-urban migration) से नगरों में जनसंख्या की वृद्धि होती है और देश में जनसंख्या का पुनर्वितरण होता है। इससे उद्गम और गंतव्य दोनों स्थानों की आयु और लिंग संरचना असन्तुलित हो जाती है।
पुरुष वरणात्मक प्रवास के कारण गाँवों में स्त्रियों का अनुपात (लिंग अनुपात) बढ़ जाता है और नगरों में कम हो जाता है।
इसी प्रकार, रोजगार के लिए पुरुष प्रवास के कारण नगरों में कार्यशील आयु वर्ग का अनुपात बढ़ जाता है और गाँवों में यह कम हो जाता है।