नगरीय बस्तियाँ (Urban settlements) विभिन्न आकृति की होती हैं, जैसे रेखीय, वर्गाकार, तारा के समान या अर्द्ध चापाकार। नगर की आकृति उसकी स्थिति से प्रभावित होती है।
पहाड़ियों पर बसे नगर सीढ़ीनुमा होते हैं, किसी नदी के किनारे बसे नगर रेखीय होते हैं, समतल मैदानी क्षेत्र के नगर वर्गाकार या आयताकार होते हैं तथा नदियों के संगम या समुद्री अन्तरीप पर बसे नगर त्रिभुजाकार होते हैं।
किसी नगर की आकृति एवं भवनों की शैली वहाँ के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं की देन होती है। इस आधार पर नगर नियोजित एवं अनियोजित होते हैं।
नियोजित नगर की आकृति सम होती है, इनकी सड़कें और गलियाँ एक-दूसरे को समकोण पर काटती है। चंडीगढ़ और जयपुर नियोजित नगर हैं।
इसके विपरीत, अनियोजित नगरों की आकृति विषम होती हैं तथा सड़कें, गलियाँ और मकान बेतरतीब होते हैं।