भारत के संविधान के अनुसार आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रपति अपने मंत्रियों की सलाह पर ऐसी विशेष शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। अतः जून 1975 में देश का आंतरिक उपद्रव से बचाने हेतु आपातकालीन शक्ति का प्रयोग संवैधानिक था। लेकिन जब इंदिरा गांधी सरकार ने तरह-तरह की ज्यादतियां की तो वह असंवैधानिक हो गया जिसे परा-सांवैधानिक कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए, सभी विपक्षी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया, अनेक संगठनों को वर्जित किया गया ,1976 में संविधान में बड़े संशोधन किए गए जिनकी आपत्तिजनक प्रावधानों से 1978 में पलटा गया।