यदि कोई राज्य संवैधानिक तरीके से संचालन में विफल होता है तो वहाँ राज्य आपातकाल (State Emergency) लागू किया जा सकता है।
भारत का राष्ट्रपति राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) की घोषणा कर सकता है।
राष्ट्रपति शासन अनुच्छेद-356 के तहत दो आधारों पर घोषित किया जाता है—
(i) संवैधानिक तंत्र विफल होने पर अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगता है।
(ii) राज्य, यदि केन्द्र द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने या प्रभावी करने में विफल हो जाता है।
- राष्ट्रपति शासन प्रभावी होने के दो माह के भीतर संसद के दोनों सदनों से पृथक्-पृथक् अनुमोदन हो जाना चाहिए।
- राष्ट्रपति शासन संसद द्वारा स्वीकृत होने पर एक बार में 6 माह तक प्रभावी रहता हैं।
- राष्ट्रपति शासन अधिकतम 3 वर्ष तक संसद की प्रत्येक 6 माह की स्वीकृति से बढ़ाया जा सकता है।
- राष्ट्रपति शासन में राज्य का मंत्रिपरिषद भंग हो जाता है तथा सारी शक्तियाँ केन्द्र में आ जाती है।
- राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य का संचालन राज्यपाल, राष्ट्रपति के नाम पर राज्य सचिवों के सहयोग से करते है।