भौगोलिक खोजों का तात्पर्य – समुद्री यात्राओं द्वारा नए-नए - देशों और महादेशों का पता लगाकर विश्व का एक नया मानचित्र तैयार करना है।
भौगोलिक खोजों ने निम्नलिखित प्रकार से विश्व की दूरियाँ घटाई | -
(i) वाणिज्य व्यापार – की आरंभिक सभ्यताओं से ही वाणिज्य व्यापार एक देश से दूसरे देशों में किया जाता था, लेकिन यह व्यापार कुछ खास खास देशों के बीच ही सीमित था। भौगोलिक खोजों ने वाणिज्य व्यापार का विस्तार किया, जिससे नए-नए मार्गों का पता चला और एक देश से दूसरे देश में आनाजाना आसान हो गया।
(ii) बड़े और तेज चलनेवाले जहाजों का आविष्कार - भौगोलिक खोजों के द्वारा बड़े और तेज चलनेवाले जहाजों का आविष्कार हुआ। यूरोप से भारत आने का नया रास्ता मिला, जिससे आने-जाने में कम समय लगने लगा।
(iii) नए-नए देशों की खोज – इन देशों और मार्गों को खोजने में यूरोप के सभी देश लगे हुए थे। अतः नए-नए देशों का पता चला तथा वहाँ के लोगों से संपर्क हुआ। उन नए देशों में पहुँचने पर यूरोपीय देशों को वहाँ की जनशक्ति तथा खनिज सम्पदा का पता चला।
(iv) कुस्तुन्तुनिया पर तुर्की का अधिकार – कुस्तुन्तुनिया पर तुर्की के अधिकार ने यूरोपीयों को नए मार्गों की खोज और तेज चलनेवाले जहाजों को बनाने पर विवश किया।
अब सभी देशों के लिए दूरियाँ कम हो से होने लगा। इस प्रकार भौगोलिक खोजों ने विश्व की दूरियाँ कम कर दी