अन्तराफसलीकरण से लाभ -
(i) इस विधि द्वारा एक साथ दो प्रकार की फसलें उगाई जा सकती हैं।
(ii) इस विधि द्वारा पीड़क और रोगों को सभी पौधों में फैलने से रोका जा सकता है।
फसल चक्र से लाभ -
(i) इससे उत्पादन बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है।
(ii) इससे पोषक पदार्थों का सही उपयोग होता है।