(i) ध्वनि ऊर्जा का एक प्रकार है जो सामान्यत: कानों में सुनने की अनुभूति उत्पन्न करता है।
(ii) ध्वनि विभिन्न प्रकार से उत्पन्न की जा सकती है। ये हैं- (a) प्रहार द्वारा – उदाहरण के लिए यदि हम एक स्टेनलैंस स्टील की चम्मच से एक धातु की प्लेट पर प्रहार करें और फिर धीरे से प्लेट को छुएँ, तो हम उसमें हो रहा कंपन महसूस कर सकते हैं और ध्वनि भी सुन सकते हैं।
(b) खींचने द्वारा - जब हम गिटार, सितार या किसी अन्य तंत्री वाद्य - के तार खींचते हैं, तो उन तारों में कंपन उत्पन्न होता है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।
(c) फूँकने द्वारा – जब हम मुँह से सीटी बजाते हैं या बाँसुरी बजाते हैं, - तो वायु स्तंभ में उत्पन्न कंपन से ध्वनि उत्पन्न होती है।
(d) रगड़ द्वारा - जब हम अपनी हथेलियाँ रगड़ते हैं या फर्श पर रखे टेबल को घसीटते हैं, तो ध्वनि उत्पन्न होती है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि कोई वस्तु ध्वनि तभी उत्पन्न करती है जब उसमें कंपन होता है।