डायरी लेखन (Diary Writing) एक ऐसी क्रिया है जिसमें बालक अपनी भावनाओं की अपनी स्वनिर्मित भाषा में व्यक्त करने का प्रयास करता है।
इस समय वह समस्त बंधनों से स्वतंत्र रहता है, ना ही उसे व्याकरण में निपुणता (Dexterity) की आवश्यकता महसूस होती है और ना ही किसी अन्य तथ्य की।
उसे कदापि - यह महसूस नहीं होता कि वह किस काल अर्थात् वर्तमान, भूत या भविष्य में अपनी भावनाएँ लिखता जा रहा है। उसे केवल अपनी भावनाएँ (Feelings) स्वछन्द रूप से उकेरने से मतलब रहता है।