राष्ट्रीय आय की गणना करने में प्रायः कई प्रकार की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं।
इनमें पहली कठिनाई पर्याप्त एवं विश्वसनीय आँकड़ों की कमी है।
भारत जैसे अर्द्धविकसित एवं पिछड़े हुए देशों में यह कठिनाई और अधिक होती है। राष्ट्रीय आय की गणना करते समय कई बार एक ही आय को दुबारा गिन लिया जाता है।
देश में उत्पादित बहुत-सी वस्तुओं का मुद्रा के द्वारा विनिमय नहीं होता है।
अतएव, राष्ट्रीय आय को मापने में इस कारण भी कठिनाई होती है कि इस प्रकार की वस्तुओं का मूल्यांकन कैसे किया जाए।