मनुष्यों के विकास में आकृति परिवर्तन निम्नलिखित तरह से हुआ—
i. ड्रायोपिथेकस एवं रामापिथेकस नामक दो नरवानर कम-से-कम 15 मिलियन वर्ष पूर्व पाए जाते थे।
इनका शरीर बालों से भरा था। ये गोरिल्ला तथा चिंपैंजी के सदृश चलते थे।
ड्रायोपिथेकस वनमानुष ऐप के सदृश थे, लेकिन रामापिथेकस मनुष्य के सदृश दिखाई देता था।
3-4 मिलियन वर्ष पूर्व मानव के सदृश प्राइमेट्स पूर्वी-अफ्रीका में पाए गए, जिसकी ऊँचाई 4 फुट से ज्यादा नहीं थे ये खड़े-खड़े सीधे चलते थे।
ii. मानव का संभावित पूर्वज कपि के सदृश था जो प्राइमेट (primate) था। कपि के सदृश गिब्बन (gibbons) ऑरगुटान (Orangutan), गुरिल्ला (Gorilla), चिपैजी (Chimpanzee) बंदर (monkey) और लीमर (lemurs) मानव से भले ही संबंधित हों, लेकिन ये मानव शरीर के बनावट से बिलकुल भिन्न थे।
iii. लीमर छोटे आकार का वानर है, जिसकी पूँछ लंबी होती है एवं यह अधिकतर वृक्षों पर ही रहता है। केवल रात्रि में ये नीचे भूमि पर उतरता है।
पृथ्वी पर इसकी उत्पत्ति लगभग 5 करोड़ वर्ष पूर्व हुई थी। इसके नाक के नथुने अपेक्षाकृत काफी छोटे थे तथा इसकी आँखें बड़ी होती हैं।
दोनों आँखों के मध्य का चौड़ा स्थान उसे आँखों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से करने देता है।
लीमर में नखर (claws) का अभाव है, लेकिन अंगुलियों में नाखून (nails) हैं। इनके अँगूठे (thumb) भी छोटे हैं।
iv. आदिमान आस्ट्रेलो पिथेकस पूर्वी अफ्रीक में रहते थे। इनकी उत्पति 2 करोड़ वर्ष पूर्व हुई थी।
v. नियन डर्थल मानव के मस्तिष्क का आयतन 1400CC था। इनका विकास 100000 से 400000 वर्ष पूर्व हुआ था।