बढ़ती जनसंख्या पर निबंध लिखें। Badhti Jansankhya Par Nibandh Likhen.
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बढ़ती जनसंख्या पर निबंध लिखें। Badhti Jansankhya Par Nibandh Likhen.

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  • भूमिका : भारत वर्ष के साथ-साथ विश्व के सभी देशों की बढ़ती जनसंख्या चिन्ता का विषय है। बढ़ती जनसंख्या से आर्थिक स्थिति तो बिगड़ती ही है। शिक्षा की स्थिति भी कमजोर हो जाती है। अगर इसी प्रकार जनसंख्या वृद्धि होती रही तो एक दिन भिखारियों के हो जायेंगे। हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पायेंगे। हमारा जीवन स्तर बिल्कुल गिर जायेगा इसलिए जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए हमें सजग प्रहरी बनकर जनसंख्या वृद्धि का विशेष उपाय करना हो।
  • समस्या : बढ़ती जनसंख्या से देश में और हमारे समाज में अनेक समस्या उत्पन्न होने वाला है। बढ़ती जनसंख्या से हम अपने बच्चे को सही ढंग से पाल नहीं सकते। हमारे बच्चे कुपोषण के शिकार बन जायेंगे। बच्चों को हम सही शिक्षा नहीं दे पायेंगे। जिससे हमारा शिक्षा स्तर गिर जायेगा। चोरी, डकैती, लूट, हत्या जैसी घटना का कारण भी जनसंख्या का बढ़ना है। देश में बढ़ती जनसंख्या से बेरोजगारी बढ़ेगी। जिससे हम आधिक रूप में गरीब कहलाएँगे। इत्यादि अनेक समस्याओं का कारक बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए हर व्यक्ति को प्रयत्नशील होना पड़ेगा।
  • रोकथाम के लिए सरकारी उपाय : देश के केन्द्र शासकों एवं राज्य सरकार को मिलकर बढ़ती जनसंख्या को कठोर कानून के द्वारा रोकने का उपाय सरकारी उपाय करना चाहिए इसके लिए दो संतान का कानून बने। दो संतान से अधिक उत्पन्न करने वाले को सरकारी मदद से वंचित करना चाहिए। दो से अधिक पैदा करने पर सरकार दण्ड का विधान तय करें। उन्हें सरकारी नौकरी से वंचित रखा जाय। दो बच्चा के बाद सरकार नशबन्दी अनिवार्य कर दें।
  • जीवन स्तर : बढ़ती जनसंख्या से जीवन स्तर कमजोर हो जाता है। अधिक बच्चे होने से हम उनका देख-रेख सही ढंग से नहीं कर पाते हैं। बच्चों को भरपेट खाना भी मुश्किल हो जायेगा। लालन-पालन सही नहीं होने से बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पायेगा। मानसिक विकास रूक जायेगा। हमारे बच्चे बीमार हो जायेंगे उनका सही इलाज भी होना मुश्किल हो। इस प्रकार बढस्ती जनसंख्या मानव जीवन के स्तर को गिरा देता है।
  • निष्कर्ष : बढ़ती जनसंख्या को रोककर ही हम अपने बच्चों को देश के योग्य नागरिक बना सकते हैं। अन्यथा एक दिन ऐसे आवेगा जब हमारे शरीर पर कपड़े नहीं होंगे, पेट में अन्न नहीं होगा और हम अशिक्षित होकर समाज में पशुवत व्यवहार निपुण हो जायेंगे।
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