'धरती धोरा री' राजस्थान को कहा गया है। राजस्थानी भाषा में 'धोरां' का अर्थ भार उठानेवाला स्थान होता है। रेगिस्तान के आज 'थार' शब्द प्रचलित है। राजस्थान में अकाल पड़े हैं, कहीं-कहीं पानी का कष्ट भी रहा है, पर गृहस्थों से लेकर जोगियों ने, कवियों से लेकर माँगणियारों ने, लंगाओं ने, हिन्दू-मुसलमानों ने इसे 'धरती धोरां री' कहा है।
रेगिस्तान के पुराने नामों में 'स्थल' है, जो शायद हाकड़ो, समुद्र के सूख जाने से निकले स्थल का सूचक रहा हो। फिर स्थल का 'थल' और 'महाथल' बना । अतः 'धरती धोरां री' का राजस्थानी भाषा में समुद्र से निकला हुआ काफी बड़ा भाग है।