उत्तर : लेखक राजकुमार टॉल्सटाय के गाँव यासनाया पोलयाना की यात्रा के पूर्व विभिन्न यूरोपीय देशों की यात्राएँ की थीं। उन यात्राओं के क्रम में लेखक ने बहुत कुछ देखा, बहुत कुछ अनुभव किया। यासनाया पोलयाना की यात्रा करते समय लेखक के मन में भारी प्रसन्नता और, अतिशय उल्लास था। यह इसलिए कि वह टॉल्सटाय जैसे महान रचनाकार के गाँव जा रहा था। इसी गाँव में टॉल्सटाय ने 'आना करीनिना' तथा 'युद्ध और शांति' जैसे विश्वप्रसिद्ध उपन्यासों की रचना की थी। इस गाँव की यात्रा करके लेखक को टॉल्सटाय के जीवन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारियाँ प्राप्त हुई। इस यात्रा से उसे वही उत्साह और आनन्द प्राप्त हुआ, वही प्रेरणा मिली जो लोगों को तीर्थयात्रा करने से प्राप्त होता है। इसीलिए लेखक ने इस यात्रा को तीर्थयात्रा कहा है।