उत्तर : लेखक के अनुसार निबंध प्रायः दो प्रकार के होते हैंविचारप्रधान अथवा वस्तुनिष्ठ तथा भावप्रधान अथवा आत्मनिष्ठ।
विचारप्रधान-- विचारप्रधान निबंध उसे कहते हैं, जिसमें विचारों की सुनियोजित अभिव्यक्ति होती है। विचारप्रधान निबंध वस्तुनिष्ठ होते हैं। फ्रैंसिस बेकन तथा रामचन्द्र शुक्ल के निबंध इसी के अन्तर्गत आते हैं।
भावप्रधान - भावप्रधान निबंध उसे कहते हैं, जिसमें कल्पना तृत्त्व की प्रधानता होती है। भावप्रधान निबंध आत्मनिष्ठ होते हैं। ऐसे निबंध वैयक्तिक होते वैयक्तिक निबंध को ही आज ललित निबंध कहा जाता है। इस निबंध के अन्तर्गत डॉ० हजारीप्रसाद द्विवेदी, डॉ० विद्यानिवास मिश्र, आचार्य देवेन्द्रनाथ शर्मा, डॉ, कुबेरनाथ राय तथा डॉ. विवेकी राय के निबंध आते हैं।