ग्राम-पंचायत की महत्ता भारतीय संविधान में, उसकी धारा 40 में स्वीकार की गयी है। ग्राम पंचायत की स्थापना प्रत्येक ग्राम में करने की कोशिश की जाती है। अगर किसी ग्राम की आबादी ज्यादा है तो वहाँ दो पंचायतों की स्थापना भी की जाती है और यदि आबादी कम है, तो कई ग्रामों को मिलाकर भी एक ग्राम पंचायत स्थापित की जाती है। 1993 के संविधान के तहत बिहार में ग्राम पंचायत की संरचना निम्नलिखित रूप से होगी
(क) मुखिया (ख) अन्य सदस्य |
ग्राम पंचायत के कार्य :
1. सामान्य कार्य :
(i) पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजनाओं को तैयार करना;
(ii) वार्षिक बजट तैयार करना;
(iii) प्राकृतिक संकट में सहाय्य कार्य करने की शक्ति;
(iv) लोक सम्पत्ति से अतिक्रमण हटाना;
(v) स्वैच्छिक श्रमिकों को संगठित करना और सामुदायिक कार्यों में स्वैच्छिक सहयोग करना;
(vi) गाँवों के अनिवार्य सांख्यिकी का अनुरक्षण।
2. कृषि जिसमें कृषि विस्तार भी शामिल है :
(i) कृषि और बागवानी का विकास और उन्नति;
(ii) बंजर भूमि का विकास;
(iii) चारागाह का विकास और अनुरक्षण तथा उसके अप्राधिकृत हस्तांतरण और उपयोग का निवारण |
3. पशुपालन, डेरी उद्योग और कुक्कुट पालन :
(i) मवेशी की नस्ल, कुक्कुट और अन्य पशुधन में सुधार;
(ii) गव्यशाला, कुक्कुटपालन और सुअरपालन को बढ़ाना;
(iii) चारागाह का विकास।
4. मत्स्यपालन :
(i) गाँवों में मत्स्यपालन का विकास;
5. सामाजिक और फारम वनोद्योग, लघु जंगल उपज ईंधन और चारा :
(i) सड़कों के किनारे और अपने नियंत्रणाधीन अन्य सार्वजनिक भूमियों पर वृक्षों का रोपण और परिरक्षण;
(ii) ईंधन के लिए वृक्षारोपन और चारा विकास
(iii) फार्म वनोद्योग को बढ़ाना;
(iv) सामाजिक वानिकी का विकास |
6. खादी ग्रामीण और कुटीर उद्योग :
(i) ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को बढ़ाना;
(ii) ग्रामीण क्षेत्रों के लाभ के लिए जागरूकता शिविर, विचारगोष्ठी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी का आयोजन करना ।
7. ग्रामीण गृह निर्माण : (i) अपने क्षेत्राधिकार और भीतर गृह स्थलों का वितरण. (ii) गृहों, स्थलों एवं निजी और सार्वजनिक संपत्तियों से संबंधित अभिलेखों का अनुरक्षण ।
8. पेयजल : मरम्मत और अनुरक्षण; (i) पेयजल के कुओं, हौजों, जलाशयों और चापाकलों का निर्माण, (ii) जल प्रदूषण का नियंत्रण और निवारण; (iii) ग्रामीण जलापूर्ति परियोजनाओं का अनुरक्षण
9. सड़क, भवन, पुलिया, सेतु फेरी जल मार्ग और अन्य संचार-साधन : (i) ग्रामीण सड़क, नाली और पुलिया का निर्माण और अनुरक्षण; (ii) अपने नियंत्रणाधीन या सरकार या किसी लोक प्राधिकार द्वारा अंतरित भवनों का अनुरक्षण. (iii) नौका, फेरी और जलमार्ग का अनुरक्षण |
10. सार्वजनिक गलियों तथा अन्य स्थानों में प्रकाश उपलब्ध कराने और उसके अनुरक्षण के लिए विद्युत वितरण सहित ग्रामीण विद्युतीकरण |
11. गैर परम्परागत ऊर्जा श्रोत :
(i) गैर - परम्परागत ऊर्जा स्कीमों का उन्नयन एवं विकास;
(ii) बायो गैस संयंत्र सहित सामुदायिक गैर-परम्परागत ऊर्जा साधनों का अनुरक्षण; -
(iii) उन्नत चूल्हे तथा अन्य कार्यक्रम ऊर्जा-साधनों का प्रचार ।
12. गरीबी उपशमन कार्यक्रम :
(i) पूर्ण नियोजन तथा उत्पादक आस्तिओं आदि के सृजन के लिए लोगों में जागृति उत्पन्न करना एवं गरीबी उपशमन कार्यक्रम में भाग लेना;
(ii) ग्राम सभाओं के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों के अधीन लाभान्वित होने वाले व्यक्तियों का चयन.
(iii) कारगर क्रियान्वयन एवं मोनेटिरिंग में सहयोग ।
13. प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों सहित शिक्षा :
(i) लोगों में जागृति उत्पन्न करना और प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में सहभागिता; (ii) प्राथमिक विद्यालयों में पूर्ण नामांकन एवं उपस्थिति सुनिश्चित करना तथा उनका प्रबंधन
14. वयस्क एवं अनौपचारिक शिक्षा : वयस्क साक्षरता को बढ़ाना।
15. सांस्कृतिक कार्यकलाप : ग्रामीण पुस्तकालय एवं वाचनालय।
16. सांस्कृतिक कार्यकलाप : सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बढ़ाना।
17. बाजार एवं मेले : मेले ( पशु मेले सहित) तथा पर्व-त्योहारों का व्यवस्थापन।
18. ग्रामीण स्वच्छता :
19. लोकस्वास्थ्य और परिवार कल्याण
20. महिला एवं बाल विकास
21. विकलांग एवं मंद बुद्धि के व्यक्तियों के कल्याण सहित अन्य सामाजिक कल्याण कार्य।
22. कमजोर वर्गों विशेषकर अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों हेतु कल्याण कार्यक्रम
23. जनवितरण प्रणाली की मोनीटरिंग करना ।
24. सामुदायिक आस्तियों, धर्मशाला, छात्रावास, खटाल, गाड़ी स्टैंड, कसाई खाना, पाक कूड़ाघर, झोपड़ियों आदि का निर्माण एवं अनुरक्षण करना ।