शैक्षिक समावेशन का आशय उस शिक्षा व्यवस्था से होता है जो कि छात्र विशेष को उसकी शारीरिक असामान्यता के अनुरूप प्रदान की जाती है।
शैक्षिक समावेशन किसी एक व्यक्ति अथवा छात्र के लिए नहीं होता वरन् उन सभी छात्रों के लिए भी होता है, जो सामान्य वातावरण में कार्य नहीं कर पाते ।