किसी चालक की विद्युतधारिता चालक द्वारा अपने अन्दर आवेश को संगृहीत करने की क्षमता से सम्बन्धित होती है। किन्तु चालक पर आवेश की मात्रा एक निश्चित सीमा से अधिक होने पर आवेश का चारों ओर के माध्यम में विसर्जन होने लगता है।
वायु की परावैद्युत शक्ति (dielectric power) केवल 3x106 वोल्ट/मीटर होती है, अर्थात् यदि किसी चालक को इतना आवेश दे दिया जाए कि विद्युत क्षेत्र की तीव्रता 3x106 वोल्ट/मीटर से अधिक हो जाए, तो वायु में विद्युत का विसर्जन होने लगता है।